Tribal Festival, Kotda, Udaipur
Wednesday, 21 September 2022
भव्य कोटड़ा महोत्सव 27 सितंबर से
ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहन देकर देश में नजीर बनेगा कोटड़ा महोत्सवबंगाल से लद्दाख तक के कलाकारों होंगे शामिलमहोत्सव को विश्व पटल पर ले जाने के लिए प्रशासन ने कसी कमर
उदयपुर 19 सितंबर। देश-दुनिया में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन सिटी के रूप में शुमार लेकसिटी उदयपुर में आने वाले पर्यटकों को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक ले जाने और जनजाति कला संस्कृति से रूबरू कराते हुए ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा की पहल पर 27 सितंबर, 2022 से पहला तीन दिवसीय कोटड़ा ट्राइबल फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर 27 से 28 सितंबर तक आयोजित होने वाले भव्य कोटड़ा महोत्सव में चार चाँद लगाने हेतु कई तैयारियां की गई है।जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बताया है कि कोटड़ा महोत्सव के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन को विश्व पटल तक ले जाने के उद्देश्य से प्रशासन दिन रात कार्य कर रहा है। इसके लिए न सिर्फ स्थानीय लोक कलाकार, बल्कि छह अन्य राज्यों से विशेष कलाकारों के दलों को यहाँ बुलाया जा रहा है। साथ ही राजस्थान राज्य के भी विभिन्न जिलों से आने वाले कलाकारों के दल यहाँ परफोर्म कर पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग प्रकार की स्टॉल्स भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
कोटड़ा महोत्सव की तैयारी में जुटे स्थानीय कलाकार। |
राजस्थान सहित 7 राज्यों के कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी आकर्षण का केन्द्र:कलक्टर मीणा ने बताया कि कोटड़ा महोत्सव में पश्चिम बंगाल से नटुवा नृत्य दल, उडि़सा से सिंगारी नृत्य दल, लद्दाख से जबरो एवं याक डांस दल, गुजरात से राठवा नृत्य दल, महाराष्ट्र से सौंगी मुखौवटे नृत्य का दल एवं मध्यप्रदेश से गुतुम्ब बाजा एवं सिला कर्मा नृत्य का दल यहाँ अपनी प्रस्तुति देंगे। सभी दलों ने प्रशासन को महोत्सव में आने हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी है। इन दलों का पूर्वाभ्यास 25-26 सितम्बर को आयोजित किया जाएगा। इसके तहत 25 सितंबर को भारतीय लोक कला मंडल में दलों का पूर्वाभ्यास प्रशासन द्वारा देखा जाएगा एवं 26 सितंबर को कोटड़ा में पूर्वाभ्यास देखा जाएगा।राजस्थान से ये दल होंगे शामिल:
कोटड़ा महोत्सव में राजस्थान के बारां से सहरिया स्वांग दल, कुशलगढ़ बांसवाड़ा से गैर नृत्य दल, नापला बांसवाड़ा से घूमरा नृत्य दल, ऋषभदेव से गवरी नृत्य दल, उपलागढ़ आबूरोड से वालर अथवा रायन नृत्य दल, अम्बासा एवं झाड़ोल से मावलिया नृत्य दल, उदयपुर से अमित गमेती के नेतृत्व में गवरी नृत्य दल आदि शामिल होंगे। इसके अलावा भारतीय लोककला मंडल के दल प्रस्तुति देंगे।कोटड़ा के स्थानीय कलाकार मोहेंगे मन:कोटड़ा महोत्सव में कोटड़ा के स्थनीय कलाकारों को भी मंच देते हुए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत परम्परागत आदिवासी वाद्य यन्त्र की टीम शामिल होगी। स्वांग गीत के लिए बंशी, लादूरा उर्भाया, भंवरलाल पारगी लंकू, लक्ष्मण, देहरी के दल प्रस्तुति देंगी। हरेला गीत के लिए दल्लाराम, वादा, मामेर, कालूराम खैर, सौन्द्रफ का दल प्रस्तुति देगा। ढोल एवं बांसुरी दल में श्रवण कुमार, भादिया देहरी का दल प्रस्तुति देगा। वालर नृत्य में भूरा राम कोचा का दल प्रस्तुति देगा। देशी भजन कार्यक्रम में बक्षीराम पारगी गुरा, कालूराम निचलाथला का दल प्रस्तुति देगा। इसी प्रकार से ढाक पर गीत में भूरजी एवं जोगीवड़ का दल एवं देशी गीत हेतु बाबूलाल गमार एवं उपली सुबरी का दल प्रस्तुति देगा।
कोटड़ा महोत्सव की तैयारी में जुटे स्थानीय कलाकार। विभिन्न उत्पादों की लगेंगी 22 स्टॉल्सकोटड़ा महोत्सव में आने वाले पर्यटक आदिवासी उत्पाद एवं साजो-सामान के दर्शन कर सकें एवं इन्हें खरीद कर घर ले जा सके इसके लिए विशेष रूप से 22 स्टॉल्स लगाई जाएंगी। इनमें वाद्य यन्त्र, लकड़ी की सामग्री, बांस, परम्परागत भोजन, औजार, लघुवन उपज, आभूषण एवं वेशभूषा आदि की स्टॉल्स लगेंगी। साथ ही हस्तशिल्प, देवी देवताओं के ध्वजा, घोड़े, परम्परागत बीज एवं अनाज, राजीविका के उत्पाद, वन उत्पाद, सीताफल, आदि की स्टॉल्स लगाईं जाएंगी। इसके अतिरिक्त सामुदायिक वन अधिकार, पंचायतीराज विभाग, स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि एवं उद्यान, पशुपालन, वोटरशेड आदि विभाग भी अपनी अपनी स्टॉल्स लगा कर योजनाओं की जानकारी देंगे।भव्य हो कोटड़ा महोत्सव -कलेक्टरजिला कलेक्टर ताराचंद मीणा निरंतर कोटड़ा महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस आयोजन में कोई कमी नहीं रहे एवं पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। कलेक्टर ने लोक कलाकारों के आवास, भोजन एवं परिवहन हेतु भी उपयुक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अन्य राज्यों से पर्यटकों को यहाँ लाकर जनजाति संस्कृति से परिचित करवाने की व्यवस्था के लिए पर्यटन विभाग को कहा हैं। कोटड़ा महोत्सव के बाद जिले के जनजाति क्षेत्र में पर्यटन को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा एवं इससे स्थानीय व्यक्तियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।--000--
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